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लेखनी कहानी -26-Feb-2024

शीर्षक - आजावो माँ घर ,लौटकर तुम
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(शेर)- भगवान से भी बड़ी, दुनिया में माँ होती है।
          खुशनसीब है वो,जिनके साथ माँ होती है।।
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आजावो माँ घर, लौटकर तुम।
लगा लो गले हमको, लौटकर तुम।।
आजावो माँ घर------------------।।

आती है याद तेरी, बचपन की लौरियाँ।
बचपन में चलना तेरी, पकड़कर अंगुलियाँ।।
छुपा लो माँ आँचल में, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर----------------------।।

हमारी खुशी के लिए, दुःख सहे तुमने।
रोने नहीं दिया हमको, आँसू पिये तुमने।।
दे दो शरण ममता की, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर--------------------।।

हो गए हम तो यतीम, तुम्हारे बिना।
नहीं कोई घर में रौनक, तुम्हारे बिना।
दे दो हमको आशीर्वाद, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर---------------------।।

सब कुछ ले लो हमसे, भगवान तुम।
छीनो मत माँ को हमसे,भगवान तुम।।
साथ ले चलो हमको भी,लौटकर तुम।
आजावो माँ घर---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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1 Comments

Gurudeen Verma

27-Feb-2024 12:44 PM

मॉं स्वर्ग से भी बढ़कर है

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